भिलाई । भिलाई स्टील प्लांट से चोरी की एक बड़ी वारदात सामने आई है, जहां चार लोगों ने मिलकर करीब 240 किलो कॉपर स्क्रैप चुरा लिया। खास बात ये है कि इस चोरी को अंजाम देने के लिए आरोपियों ने पूरी प्लानिंग की थी और बीएसपी का फर्जी गेटपास तैयार किया था। दुर्ग पुलिस ने बताया कि 31 मई की सुबह करीब 6:15 बजे, एक हुंडई कार (नंबर CG 07 CY 1564) बोरिया आउट गेट से बाहर निकलने की कोशिश कर रही थी। CISF जवानों को शक हुआ और उन्होंने कार को रोका। जब गहन जांच की गई, तो खुलासा हुआ कि आरोपी शिवम यादव ने एक फर्जी गेटपास बनाकर प्लांट के अंदर एंट्री ली थी। इस गेटपास पर असली कर्मचारी की फोटो की जगह अपने साथियों की फोटो एडिट करके लगाई गई थी। जांच में पता चला कि शिवम ने अपने साथी मनोज कुमार वर्मा के साथ मिलकर ये पूरा प्लान बनाया था। दोनों ने कोक ओवन-सीसीडी एरिया के पास पड़े कॉपर केबल के टुकड़े, जिनका वजन करीब 240 किलो था, कार में बनी सीक्रेट कैविटी में छुपाकर बाहर निकालने की कोशिश की। कार समेत चारों आरोपी मौके पर ही पकड़ लिए गए। चोरी के लिए इस्तेमाल की गई कार, फर्जी गेटपास और मोबाइल जब्त कर लिए गए हैं। बरामद कॉपर स्क्रैप की कीमत करीब 1.32 लाख रुपए बताई जा रही है । पुलिस ने आगे की जांच में और तीन लोगों को भी गिरफ्तार किया – आकाश कुहीकर, सचिन पौनीकर और एस. अनिल। इन सभी ने मिलकर फर्जी गेटपास बनाने में मदद की थी। इतना ही नहीं, चोरी किया गया माल कैलाश ताम्रकार नामक दुकानदार को बेचने की तैयारी भी थी। कैलाश को भी गिरफ्तार कर लिया गया है । पुलिस टीम में निरीक्षक राजेश कुमार साहू और उनकी टीम के सदस्य भारत चौधरी, विश्वजीत सिंह, हीरेश साहू, युगल देवांगन और अमित सिंह ने इस केस को सुलझाने में अहम भूमिका निभाई।
गिरफ्तार आरोपी:
- आकाश कुहीकर
- सचिन पौनीकर
- एस. अनिल
- कैलाश ताम्रकार
ये सभी दुर्ग जिले के अलग-अलग इलाकों से हैं और पहले से ही पुलिस की नजर में थे।
इस पूरी वारदात ने एक बार फिर से सिक्योरिटी सिस्टम पर सवाल खड़े कर दिए हैं, लेकिन अच्छी बात ये है कि पुलिस ने तेजी से कार्रवाई करते हुए पूरे गैंग को पकड़ लिया।